दिवाली के बाद जो सबसे बड़ा त्यौहार मनाया जाता है वो है छठ महापर्व। छठ की धूम देशभर में देखने को मिल रही है। यह त्यौहार घर की सुख-समृद्धि और शांति के लिए होता है।
आपको बता दें कि छठ बिहारियों का सबसे बड़ा त्यौहार होता है। छठ महापर्व 4 दिन तक मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 5 नवंबर से हो चुकी है।
छठ पूजा के दौरान देखा जाता है कि सुहागनें नाक से लेकर मांग तक सिंदूर लगाती हैं। ऐसा क्यों किया जाता है, आइए, जानते हैं इसके पीछे का कारण।
छठ महापर्व में औरतें पूजा के दौरान नाक से लेकर मांग तक सिंदूर लगाती हैं। ऐसी मान्यता है कि सिंदूर की लंबी लाइन की तरह पति की लंबी उम्र की कामना की जाती है।
एक और मान्यता है कि छठ पर महिलाएं नारंगी सिंदूर इसलिए लगाती हैं क्योंकि यह रंग सूर्य देव की लालिमा का प्रतीक होता है और हमेशा चमकता रहता है।
छठ महापर्व की शुरुआत 5 नवंबर को नहाय-खाये से शुरू हुई। नहाय-खाये का मतलब होता है घर की साफ-सफाई करने के साथ ही शुद्ध शाकाहारी भोजन किया जाता है।
छठ के दूसरे दिन खरना होता है, इसमें निर्जला व्रत रखते हैं और शाम को गुड़ की खीर-रोटी-फल खाते हैं। तीसरे दिन शाम को सूर्यदेव को अर्ध्य दिया जाता है और छठी मैया की पूजा होती है।
छठ पर्व के आखिरी दिन उषा अर्ध्य होता है यानी सुबह सूरज निकलने से पहले औरतें घाट पर पहुंचकर उगते सूरज को अर्ध्या देती है। फिर छठी मैया की पूजा घर की सुख-शांति के लिए की जाती है।