देवी चित्रलेखा जब 4 साल की थी तब उन्होंने एक बंगाली बाबा से दीक्षा ली थीं। 7 साल की उम्र में उनका झुकाव आध्यात्म की तरफ हुआ। इसके बाद वो भजन कीर्तन में लग गईं।
19 जनवरी 1997 को ब्राह्मण परिवार में चित्रलेखा का जन्म हुआ था। वो हरियाणा के पलवल के खम्बी गांव में पैदा हुई थीं। बचपन से ही उनका लगाव आध्यात्म की तरफ था जो अभी तक जारी है।
देश दुनिया में जाकर कथा और प्रवचन सुनाती हैं। वो भारत में सबसे लोकप्रिय भागवत प्रचारकों में से एक बन गईं। कथा सुनाते-सुनाते अक्सर उनकी आंखों से आंसू निकल आते हैं।
देवी चित्रलेखा जी की पहचान गले में तुलसी माला और बड़ा सा टीका है। कॉटन की सूट पहनकर वो अक्सर कथा प्रवचन करती हैं।
पिंक कलर के सूट के साथ देवी चित्रलेखा ने सफेद दुपट्टा ओढ़ा है। वो सिंपल लुक में नजर आ रही हैं।
व्हाइट रंग के सूट के साथ चित्रलेखा जी ने आसमानी कलर का स्टोल चुना है। इस तरह का लुक काफी कंफर्टेबल होता है और देखने में भी प्यारा लगता है।
चित्रलेखा जी लॉन्ग स्कर्ट के साथ कुर्ता और दुपट्टा पहनी हैं। उनकी स्माइल उनके लुक मेंऔर भी चार-चांद लगा रही है।
ठंड के मौसम में सलवार सूट के साथ आप शॉल को जोड़ सकती हैं। देवी चित्रलेखा का पर्पल शॉल बहुत ही खूबसूरत लग रहा है।
ब्लैक कलर के सूट के साथ दुपट्टा काफी सुंदर लुक दे रहा है। सूट और दुपट्टे पर चिकनकारी वर्क किया गया है।
चुनरी प्रिंट दुपट्टा किसी भी रंग के सूट के साथ अच्छा लगता है। हर लड़की के वार्डरोब में इस तरह का दुपट्टा होना चाहिए।