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दुर्गा प्रतिमा विसर्जन पर रखें ये ध्यान, वातावरण को नहीं होगा नुकसान

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बायोडिग्रेडेबल सजावट

पंडाल और मूर्तियों को फूलों, पत्तियों और अन्य नेचुरल चीजों से सजाएं जो आसानी से विघटित हो सकें। सजावट में प्लास्टिक, थर्मोकोल या सिंथेटिक चीजों का उपयोग करने से बचें।

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बिजली खर्चे से बचें

ज्यादा बोल्ट के बल्बों या ट्यूब लाइटों के बजाय एलईडी या सोलर एनर्जी से चलने वाली रोशनी जैसे इको-फ्रेंडली लाइट विकल्पों का उपयोग करें।

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ध्वनि प्रदूषण को कम करें

विसर्जन, जुलूसों और समारोहों के दौरान ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए ट्रेडिशनल वाद्ययंत्रों का उपयोग करें। डीजे या लाउडस्पीकर के उपयोग को सीमित करें।

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अपशिष्ट को अलग करें

बेहतर रिसाइकलिंग प्रोसेस के लिए जैविक और गैर-जैविक कचरे के लिए अलग-अलग डिब्बे में रखें।

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आर्टिफिशियल तालाबों या टैंकों में विसर्जन की व्यवस्था करें

नदियों या झीलों जैसे प्राकृतिक जल निकायों में मूर्तियों को विसर्जित करने से बचें। इसके बजाय विसर्जन के लिए आर्टिफिशियल तालाबों या टैंकों का उपयोग करें।

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घर पर ही करें विसर्जन

घर पर ही एक बाल्टी या बड़े से टब में पानी भरकर विसर्जन करने पर विचार करें। यह कम से कम पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है।

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जागरूकता फैलाएं

त्योहारों के दौरान इको-फ्रेंडली चीजों के महत्व के बारे में दूसरों को बताएं और उन्हें इसी तरह के उपाय अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें।

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बचे हुए फूल-पत्तियों को फेंके ना

दुर्गा प्रतिमा के ऊपर जो भी फूल पत्ती चढ़ाई जाएं, उन्हें एक साथ एकत्रित करके उनकी खाद बनाई जा सकती है और इससे पर्यावरण प्रदूषण से भी बचा जा सकता है।

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