सबसे पहले सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद हरे रंग के नए या साफ कपड़े पहनें। 16 श्रृंगार करें और भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा अर्चना करें।
हरियाली तीज पर पूजा के दौरान भगवान को पीले वस्त्र, केला, बेलपत्र, धतूरा, शमी पत्र, सुपारी, अक्षत, दूर्वा, घी, कपूर, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही, चीनी शहद आदि चीज अर्पित करें।
हरियाली तीज पर मां पार्वती को सुहाग का सामान अर्पित करने का महत्व है। आप 16 श्रृंगार के समान में सिंदूर, बिंदी, चूड़ी, बिछिया, कुमकुम, आलता, कंघी, मेहंदी, इत्र आदि चीज जरूर रखें।
हरियाली तीज व्रत के दौरान आप फलाहार पर व्रत रख सकते हैं लेकिन बार-बार फलाहार करने से बचें। आप सूर्यास्त के बाद फलाहार कर सकते हैं।
जो महिलाएं पहली बार हरियाली तीज का व्रत रख रही हैं, उन्हें अपने हाइड्रेशन का ध्यान रखना चाहिए। भरपूर मात्रा में पानी, नारियल पानी, जूस आदि का सेवन करते रहें।
मान्यताओं के अनुसार, हरियाली तीज का व्रत करने वाली महिलाओं को दिन में सोने से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से व्रत खंडित हो जाता है।
हरियाली तीज व्रत करने के दौरान आपको सात्विक भोजन ही करना चाहिए। प्याज लहसुन से बनी चीजों का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए और तामसिक चीजों से बचें।
हरियाली तीज के मौके पर महिलाएं अपनी सखियों के साथ झूला झूलती हैं। कहते हैं ऐसा मां पार्वती ने भी किया था। ऐसे में इस दिन आप भी अपनी सखियों के साथ झूला जरूर झूलें।