छठ पर्व के दूसरे दिन खरना मनाया जा रहा है। इस दिन छठ व्रती चावल और गुड़ का खीर बनाती हैं। पूजा करने के बाद इसका सेवन करके 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू करती हैं।
छठ महापर्व के दूसरे दिन खरना का खास महत्व है। व्रती जहां दिन भर निर्जला उपवास करती है। वहीं फैमिली को कुछ सावधानी बरतनी चाहिए। आइए बताते हैं 5 जरूरी बातें।
छठ महापर्व का आगाज होते ही व्रत वाले घर में प्याज-लहसुन खाना बंद कर देना चाहिए। खरना के दिन फैमिली सदस्यों को बाहर का खाना नहीं खाना चाहिए जिसमें प्याज लहसुन हो।
छठ महापर्व में किसी भी तरह की अशांति व्रत में खलल पैदा कर सकती है। इसलिए फैमिली के सदस्यों को कलह से बचना चाहिए। व्रती का खास ख्याल रखना चाहिए।
पूजा और प्रसाद वाले स्थान के साथ-साथ पूरे घर की सफाई होनी चाहिए। दरवाजे और सड़कों की सफाई भी फैमिली सदस्यों को करना चाहिए।
खरना के दिन फैमिली के हर सदस्य को सुबह उठकर नित्य क्रिया कर्म से निवृत हो जाना चाहिए। स्नान आदि करके भगवान का पूजन करना चाहिए।
खरना के दिन मन में किसी भी तरह का मैल नहीं होना चाहिए। सच्चे मन से इस दिन छठी मईया और आदित्य देव का ध्यान करना चाहिए। किसी के लिए गलत भावना नहीं लानी चाहिए।