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गर्मी में रंगत नहीं होगी डल, अपने लिए ऐसे चुनें सही सनस्क्रीन

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गर्मी में चेहरे की रंगत हो जाती है डल

समर में गर्मी, धूल और धूप आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे यह सुस्त और खुरदरी हो सकती है। इसलिए इसकी देखभाल की खास जरूरत इस मौसम में पड़ती है।

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सही प्रोडक्ट पहचानने की जरूरत

गर्मी में स्किन को साफ और हाइड्रेट करने के लिए कई प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है और इसमें सनस्क्रीन सबसे जरूरी चीज होता है। जिसकी सिफारिश डर्मेटोलॉजिस्ट भी करते हैं।

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भारतीय टोन के अनुसार सनस्क्रीन का चुनाव

सनस्क्रीन का चुनाव स्किन के कलर के अनुसार करना चाहिए। भारत में गर्मियों में त्वचा की समस्याएं उच्च तापमान और आर्द्रता के कारण बढ़ जाती हैं। सनबर्न और हीट रैश हो जाता है।

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एसपीएफ़ क्या है?

एसपीएफ़य (सन प्रोटेक्शन फैक्टर) आपकी त्वचा को यूवीबी किरणों से बचाने की सनस्क्रीन की क्षमता का आकलन करता है। SPF आम तौर पर 15 से 50+ तक होती है।

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भारतीय त्वचा टोन के लिए सही SPF

डर्मेटोलॉजिस्ट आमतौर पर 30 या इससे अधिक SPF वाले ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन का उपयोग करने की सलाह देते हैं। यह 97% यूवीबी किरणों को रोकता है।

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गहरी त्वचा वाले इस सनस्क्रीन का करें प्रयोग

गहरे रंग की त्वचा वाले व्यक्ति धूप को ज्यादा बर्दाश्त कर सकते हैं। उन्हें 30 या उससे अधिक SPF की सनस्क्रीन लगानी चाहिए। डार्क स्किन टोन डिजाइन सनस्क्रीन की तलाश करें।

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हल्की त्वचा वालों के लिए SPF होनी चाहिए इतनी

हल्की त्वचा का रंग सनबर्न के प्रति अधिक संवेदनशील होता है और इसके लिए अधिक सुरक्षा की आवश्यकता होती है। 50 या अधिक एसपीएफ़ वाला ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन चुनें।

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सनस्क्रीन का कैसे करें प्रयोग

सनस्क्रीन को बाहर निकलने से कम से कम 15 मिनट पहले अपने चेहरे, गर्दन और कानों पर भरपूर मात्रा में सनस्क्रीन लगाएं। यदि  आपको बहुत पसीना आ रहा है तो इसे हर दो घंटे के बाद लगाएं।

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सनस्क्रीन खरीदते समय याद रखने योग्य बातें

ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन चुनें, जो UVA और UVB किरणों से बचाते हैं। यूवीए किरणें त्वचा की गहरी परतों में प्रवेश करती हैं और समय से पहले बूढ़ा होना और कैंसर जैसे जोखिम से बचाता है।

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