ताइवानी पपीते का पौधा 4 से 5 फीट लंबा होता है। एक पौधा एक क्विंटल या उससे अधिक फल देता है। इसलिए आपको एकबार जरूर ये ट्राई करना चाहिए।
इसके लिए गमले, बाल्टी या ग्रो बैग्स का इस्तेमाल करने से पहले नीचे की तरफ बड़े छेद बना लें, ताकि पानी बाह निकल जाए और पौधे की जड़ों में ना भरे। साथ ही बड़े पॉट को चुनें।
पपीता के प्लांट को पानी की कम ही लिमिटेड ही जरूरत होती है। कई बार इसकी जड़ों में पानी भरने से प्लांट गलने लगता है, इसलिए पानी की निकासी के लिए छेद जरूर बनाएं।
बीज बोने का समय जुलाई से सितम्बर और फरवरी-मार्च होता है। बीज अच्छी किस्म के अच्छे और हेल्दी फलों से लेने चाहिए। इससे फल भी बेहतरीन क्वालिटी का मिलेगा।
पपीता के पौधो की अच्छी ग्रोथ के लिए मिटटी में सही नमी स्तर बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। नमी की अत्याधिक कमी का पौधों की वृद्धि फलों पर असर पड़ता है।
ताइवान के इस पपीते की मार्केट में अच्छी डिमांड है। इसका स्वाद अन्य पपीते से लाजवाब है। वहीं, वजन की बात करें तो एक-एक पपीता 2 किलो से ऊपर हो जाता है।