घर के मुख्य द्वार पर अधिकतर भारतीय सकारात्मक ऊर्जा और भगवान की कृपा के लिए भगवान गणेश, लक्ष्मी और हनुमान जी समेत कई देवी-देवताओं की मूर्ति रखते हैं।
मुख्य द्वार पर भगवान की मूर्ति रखना बहुत गलत है, वास्तु एक्सपर्ट पंकित गोयल ने इसे सबसे बड़ा वास्तु मिस्टेक बताया है, इससे भगवान नाराज होते हैं, न कि प्रसन्न।
मुख्य द्वार के आसपास ज्यादा आवाजाही होती है और गंदगी, धूल-मिट्टी का संपर्क बना रहता है। इससे भगवान की मूर्ति का अनादर हो सकता है, जो वास्तु और धार्मिक दृष्टिकोण से अशुभ है।
भगवान की मूर्ति रखने का स्थान पूजा स्थल है। इसे द्वार पर रखना, उनका अपमान है। जिस तरह हम अपने माता-पिता या प्रिय की तस्वीर घर के बाहर नहीं रखते वैसे ही भगवान की मूर्ति न रखें।
मुख्य द्वार घर में ऊर्जा के प्रवेश का मुख्य स्थान होता है। मूर्ति रखने से सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो सकती है। यह घर के वातावरण को भारी और असंतुलित बना सकता है।
मुख्य द्वार पर शुभ प्रतीक बनाएं जैसे स्वस्तिक और ओम। भगवान की मूर्तियों को हमेशा घर के पूजा स्थान में रखें। द्वार की साफ-सफाई रखें, ताकि सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बाधित न हो।