Hindi

कुंदन Vs पोल्की Jewellery में 7 अंतर, सस्ती को महंगी समझकर ना ले आना

Hindi

डायमंड का इस्तेमाल

कुंदन जूलरी में नकली या कांच के पत्थरों का उपयोग किया जाता है। इन्हें सोने या चांदी में जड़ा जाता है।पोल्की जूलरी में बिना तराशे हुए असली, अनकट डायमंड का इस्तेमाल किया जाता है। 

Image credits: social media
Hindi

चमक और लुक

कुंदन जूलरी में पत्थरों के पीछे मेटल की पॉलिश होती है, जो पत्थरों को चमकदार बनाती है। पोल्की जूलरी का लुक मैट और रॉ होता है, क्योंकि इसमें असली हीरे का प्राकृतिक रूप होता है।

Image credits: social media
Hindi

डिजाइन और काम

कुंदन जूलरी में पत्थरों को धातु के मोल्ड में कुंदन (सोने की परत) से जड़ा जाता है। इसमें बहुत बारीक डिजाइन होते हैं। पोल्की जूलरी में हीरे को मेटल के अंदर सीधा सेट किया जाता है।

Image credits: social media
Hindi

कहां से आईं कुंदन और पोल्की जूलरी

कुंदन जूलरी का प्रारंभ राजस्थान और गुजरात में हुआ था, और यह मुगलों के समय से प्रसिद्ध है। पोल्की जूलरी का भी मूल राजस्थान से है, इसे मुगल जूलरी का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।

Image credits: social media
Hindi

कुंदन और पोल्की की कीमत

कुंदन जूलरी की कीमत पोल्की की तुलना में कम होती है, क्योंकि सस्ते पत्थरों का इस्तेमाल होता है। पोल्की जूलरी की कीमत ज्यादा होती है क्योंकि इसमें असली अनकट डायमंड होते हैं।

Image credits: Instagram
Hindi

कुंदन और पोल्की का वजन

कुंदन जूलरी में पत्थरों की जगह नकली कांच के टुकड़े होने के कारण यह हल्की होती है। पोल्की जूलरी भारी होती है, क्योंकि इसमें असली अनकट डायमंड्स का इस्तेमाल होता है, जो भारी होते हैं।

Image credits: social media
Hindi

मीना-कारी

कुंदन जूलरी में मीना-कारी (एनेमल वर्क) का अधिक उपयोग किया जाता है, जिससे जूलरी के डिजाइन में रंगीन और आकर्षक पैटर्न बनते हैं। पोल्की जूलरी में मीना-कारी का इस्तेमाल कम होता है। 

Image Credits: pinterest