प्रियंका चोपड़ा कहती है कि सबसे पहले खुद के अंदर देखों कि तुम कौन हो। तुम सिर्फ तुम हो और यूनिक हो। तुम जैसा कोई और नहीं है।
मुझे लगता है कि त्रुटिपूर्ण होना बहुत अच्छी बात है।मेरे अंदर बहुत सारे दोष है खामियां है। लेकिन यह मुझे इसी तरह पसंद है। यही जीवन का मजा है।
आप गिरते हो, संभलते हो और गलतियां करते हो। ये करना चाहिए, तभी हम सीखते हैं। एक बेहतर इंसान हम ऐसे ही बनते हैं।
अक्सर लोग महत्वकांक्षी होने को नेगिटिव अर्थ में जोड़ देते हैं। लेकिन कुछ करने की चाहत रखना गलत नहीं है। यह कोई बुरी बात नहीं है।
अपने सपनों को उड़ने दें। उन्हें पंख दें ताकि वो बिना डर के उड़ सकें। कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप कहां से हैं।
अपने सपने को पूरा करने के लिए लालची बनें। अपने ड्रीम को पाने के लिए फाइट करें।आपके अलावा कोई और नहीं आपके लक्ष्य को पूरा करने के लिए आएगा।
अपने सपनों से कोई समझौता नहीं करें। अपने सपनों का पीछा करें चाहे आप फेल ही क्यों ना हो जाएं। क्योंकि सफलता का मजा आप तब तक नहीं ले सकते हैं जबतक कि फेल ना हुए हो।
प्रियंका कहती है कि उन्हें रचनात्मक लोग पसंद है।क्योंकि वो हमारे जीवन मे रंग और भावनाएं भरते हैं।
कांच की चप्पल को निचोड़ने की कोशिश ना करें। क्योंकि यह कभी मुमकीन नहीं है। लेकिन कांच की छत को तोड़ सकते हैं।
लोगों को दूसरों को बस वैसे ही देखने की जरूरत है जैसा वो है। उन्हें यह सोचना बंद कर देना चाहिए कि हर चीज के पीछे एजेंडा होता है।
अपने सपनों से कोई समझौता नहीं करें। अपने सपनों का पीछा करें चाहे आप फेल ही क्यों ना हो जाएं। क्योंकि सफलता का मजा आप तब तक नहीं ले सकते हैं जबतक कि फेल ना हुए हो।