भगवान शिव के साथ सावन में लड्डू गोपाल की भी पूजा अर्चना करनी चाहिए। सावन के महीने में लड्डू गोपाल का साज श्रृंगार करना फलदायी होता है।
लड्डू गोपाल को पंचामृत से स्नान करने के बाद ही श्रृंगार करना चाहिए। दूध, दही, घी, शहद और गंगा जल से स्नान कराएं। फिर पूरे बदन पर चंदन का लेप लगाएं।
सावन में आप फूलों का भी श्रृंगार लड्डू गोपाल का कर सकते हैं। चमेली या गुलाब के फूलों की माला पहनाकर उन्हें सजाएं। यह श्रृंगार अत्यंत मनमोहक लगता है।
फिर गंगा जल से अभिषेक करें। इसके बाद उनके श्रृंगार करना शुरू करें। लंगोटी पहनाकर उन्हें सुंदर वस्त्र पहनाएं। उसके बाद चंदन का तिलक करें। इत्र लगाएं। मोर पंख और मुरली लगाएं।
लड्डू गोपाल को हरे, पीले और लाल रंग के वस्त्र पहनाएं, क्योंकि यह रंग सावन के महीने के प्रतीक हैं।
भगवान को भोग के रूप में माखन-मिश्री या अन्य मिठाई अर्पित करें। इसे एक छोटी थाली में सजाकर लड्डू गोपाल के समक्ष रखें।
आरती के लिए दीपक जलाकर भगवान के समक्ष घुमाएं। आरती के समय घंटी बजाएं और "ॐ जय जगदीश हरे" भजन गाएं।पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद सभी भक्तों में बांटें।
सावन में लड्डू गोपाल की पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है और हर मनोकामना पूरी होती है। पूजा करने से मानसिक शांति भी मिलती है।