इनदिनों महिलाओं की अलमारियों में गरारा और शरारा सेट का शानदार कलेक्शन देखने को मिलता है। लेकिन शरारा और गरारा में कुछ अंतर होते हैं जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं।
शरारा पहले मुस्लिम महिलाएं ही पहनती थी। शरारा एक तरह का बॉटम वियर है। ये कमर से एकदम फिट होते है और नीचे से फुल घेरदार होते है।
शरारा स्कर्ट नहीं होते, ये पैंट स्टाइल होते है। पहले के जमाने में शरारा सिर्फ कुर्ती के साथ ही पहना जाता था। लेकिन, अब इसे महिलाएं क्रॉप टॉप या ब्लाउज के साथ भी पेयर करती हैं।
गरारा भी मुगल काल का परिधान है, लेकिन ये एक नवाबी पोशाक होती थी, जिसे नवाब घराने के लोग ही पहन सकते थे।
गरारा घुटने तक एक दम फिट होता है और फिर उसके नीचे घेर होती है। गरारा पहले सिर्फ सिल्क फैब्रिक का ही बनता था लेकिन अब इसे किसी भी फेब्रिक से बना लिया जाता हैं।
गरारा और शरारा में ज्यादा अंतर नहीं होता है। गरारा ऊपर से फीट होता हैं और घुटने के नीचे से घेरदार होता है, जिसमें गोटे का वर्क होता है।
शरारा ऊपर से फिट और नीचे से घेरदार होता है। गरारा पर मिड लेंथ की कुर्ती पहनी जाती है, जबकि शरारा पर लंबी और छोटी दोनों तरह की कुर्ती पहनी जाती है।
दोनों मुगल शासन के समय के परिधान हैं। दोनों के स्टाइलिंग का तरीका बिलकुल एकसा ही होता है। बस इनके पेंट के घेरे में में थोड़ा फर्क होता है। इन्हें बनवाने में ज्यादा कपड़ा लगता है।