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कैसे हुई बेलपत्र की उत्पत्ति?, मां पार्वती से है खास संबंध

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बेल पत्र का महत्व

हिंदू धर्म में बेल पेड़, बेल का फल और पत्र का विशेष महत्व है। पूजा पाठ में इस्तेमाल से लेकर आयुर्वेद में उपयोग तक इसका कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है।

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बेल पत्र में त्रिदेव का वास होता है

ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शिव का वास होता है।

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चंदन के रूप में होता है उपयोग

बेल की जड़ का उपयोग चंदन के रूप में किया जाता है। जड़ को घीसकर भगवान शिव को चंदन के रूप में लगाया जाता है।

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सकारात्मक ऊर्जा का भंडार

मान्यता है कि बेल के पेड़ में सकारात्मक ऊर्जा का भंडार होता है। इसलिए घर के आस पास इस पेड़ को लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होते रहता है।

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भगवान शिव को है बेहद प्रिय

बेल का पत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय है, बिना बेल पत्र के शिव जी की पूजा अधूरी मानी गई है, इसलिए उनकी पूजा में इसका विशेष महत्व है।

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हवन में होता है लकड़ी का इस्तेमाल

शिव जी की पूजा में यदि हवन होती है, तो उसमें बेल की लकड़ी और सूखी जड़ का उपयोग हवन में किया जाता है।

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मां पार्वती से है खास संबंध

स्कंद पुराण के अनुसार बेल पेड़ की उत्पत्ति माता पार्वती के पसीने की बूंद से हुई थी। इसलिए यह पेड़ भगवान शिव को बहुत प्रिय है।

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