हिंदू धर्म में बेल पेड़, बेल का फल और पत्र का विशेष महत्व है। पूजा पाठ में इस्तेमाल से लेकर आयुर्वेद में उपयोग तक इसका कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है।
ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शिव का वास होता है।
बेल की जड़ का उपयोग चंदन के रूप में किया जाता है। जड़ को घीसकर भगवान शिव को चंदन के रूप में लगाया जाता है।
मान्यता है कि बेल के पेड़ में सकारात्मक ऊर्जा का भंडार होता है। इसलिए घर के आस पास इस पेड़ को लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होते रहता है।
बेल का पत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय है, बिना बेल पत्र के शिव जी की पूजा अधूरी मानी गई है, इसलिए उनकी पूजा में इसका विशेष महत्व है।
शिव जी की पूजा में यदि हवन होती है, तो उसमें बेल की लकड़ी और सूखी जड़ का उपयोग हवन में किया जाता है।
स्कंद पुराण के अनुसार बेल पेड़ की उत्पत्ति माता पार्वती के पसीने की बूंद से हुई थी। इसलिए यह पेड़ भगवान शिव को बहुत प्रिय है।