रक्षाबंधन का पर्व आने वाला है। बहनों को इस दिन का खास इंतजार होता है और वो अपने भाई की कलाई पर इन दिन रेशम का धागा बांधती हैं।
ऐसी भी कई मान्यताएं हैं कि बहन सिर्फ अपने भाई को ही राखी नहीं बांधती बल्कि भाभी और भतीजी को भी राखी बनती है।
मारवाड़ी समाज में भाई के साथ-साथ बहन, भाभी को भी राखी बांधती है जिसे लुम्बां कहा जाता है। वो अपनी भतीजा व भतीजी को भी राखी बांधती हैं।
यह मान्यता श्रीकृष्ण के दौर से चली आ रही है। दरअसल, कृष्ण की बहन सुभद्रा ने रुक्मणी को राखी बांधी थी।
सुभद्रा ने कृष्ण व रुक्मणी को एक साथ राखी बांध कर भाई और भाभी का सम्मान दिया था।
मारवाड़ी समुदाय में भगवान कृष्ण को मानने वाले अधिक होते हैं। इसी मान्यता के आधार पर वो अपनी भाभियों को राखी बांधते हैं। इससे ननद और भाभी के बीच में प्यार बना रहता है।