अपने मॉइस्चराइजिंग गुणों के लिए जाना जाने वाला नारियल तेल नाभि के आसपास की त्वचा को पोषण देने और पाचन में सुधार करने में मदद कर सकता है।
सरसों का तेल ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है। ये ऐंठन और दर्द को कम करने में मदद करता है।
नीम के तेल में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो संक्रमण को रोकने और स्किन की क्वालिटी में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।
अपने एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाने वाला अरंडी का तेल नाभि पर लगाने से कब्ज से राहत और पाचन में सुधार करने में मदद मिल सकती है।
विटामिन ई से भरपूर बादाम का तेल स्किन को मॉइस्चराइज करने, ड्राईनेस कम करने और स्किन की ओवरऑल हेल्थ में सुधार करने में मदद कर सकता है।
जैतून का तेल एंटीऑक्सिडेंट और हेल्दी फैट से भरपूर होता है, जो स्किन को पोषण देने और ओवरऑल हेल्थ में सुधार करने में मदद कर सकता है।
घी का उपयोग आयुर्वेदिक उपचार में मॉइस्चराइजिंग गुणों, पाचन में सुधार और इम्यूनिटी को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।
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