वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर दिशा की अपनी ऊर्जा और तत्व होते हैं। एक ही रंग का स्वास्तिक हर दिशा में बनाने से ऊर्जा संतुलित नहीं होती और इसके विपरीत परिणाम हो सकते हैं।
पूर्व दिशा सूर्य की दिशा है और इसे वायु तत्व से जोड़ा जाता है। हरा रंग स्वास्थ्य, ताजगी, और उन्नति का प्रतीक है।
उत्तर दिशा को जल तत्व से जोड़कर देखा जाता है और नीला रंग शांति, तरक्की, और वित्तीय समृद्धि को आकर्षित करता है।
दक्षिण दिशा को अग्नि तत्व से जोड़ा जाता है, और लाल रंग शक्ति, जोश, और सुरक्षा का प्रतीक है। यह घर के भीतर नकारात्मक ऊर्जा को रोकता है।
पश्चिम दिशा को वायु और अंतरिक्ष तत्व से जोड़ा जाता है। सफेद और ग्रे रंग संतुलन, शांति, और स्थिरता को बढ़ावा देता है।
मुख्य द्वार पर तोरण लगाने की परंपरा शुभता और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है। तोरण आमतौर पर आम के पत्तों, फूलों, या अन्य शुभ प्रतीकों से बनाए जाते हैं।