बच्चे दिन भर खेलते हैं और हाथ से तमाम तरह की चीजों को पकड़ते हैं। उनके हांथ में कई तरह के रोगाणु-कीटाणु के साथ-साथ नुकसान दायक बैक्टीरिया भी उनके मुंह में चले जाते हैं ।
अंगूठा चूसने वाले बच्चों का मानसिक विकास भी सही तरीके से नहीं हो पाता है। क्योंकि बच्चा हमेशा अंगूठा चूसने में ध्यान लगाता है और अन्य चीजों को एक्सप्लोर नहींं करता।
अंगूठा चूसने वाले बच्चे को अक्सर इंफेक्शन होता रहता है। अंगूठा चूसने वाले बच्चों में अक्सर पेट की बीमारियां होती रहती हैं।
अंगूठा चूसने वाले बच्चों में खाने-पीने के प्रति नीरसता आने लगती है। वो लगातार अगूठा ही चूसते रहना चाहते हैं। जो बच्चे अगूठा चूसते हैं उनका शारीरिक विकास सही से नहीं हो पाता है।
अंगूठा चूसने वाले बच्चे के अंगूठे पतले हो जाते हैं और उसके होठ भी मोटे होकर लटक जाते हैं।
लगातार अंगूठा चूसते रहने से बच्चे के दांत बाहर निकल आते हैं। इससे अलावा हमेशा उनकी मुंह खुला रखने की आदत भी बनी रहती है।