बिहार की पारंपरिक साड़ियां अपनी खास बुनाई और शिल्पकारी के लिए जानी जाती हैं। बिहार की ये साड़ियां अपनी क्वालिटीज की वहज से इंडिया और विदेशी बाजार में पहचान बना चुकी हैं।
मधुबनी कला से सजी इन साड़ियों में पौराणिक और पारंपरिक चित्रण होते हैं। मधुबनी कला हाथ से की गई पेंटिंग के लिए मशहूर है। इन साड़ियों को प्राकृतिक रंगों से बनाया जाता है।
भागलपुर में तैयार की जाने वाली भागलपुरी साड़ियों को टसर सिल्क का उपयोग कर बुना जाता है। इसकी बुनाई और चमक इसे शाही रूप देती है। ये साड़ी देश-विदेश में फेमस हैं।
सीतामढ़ी की साड़ियां विशेष रूप से बुनाई की कला में माहिर कारीगरों द्वारा बनाई जाती हैं और इसका फैब्रिक बहुत ही हल्का होता है। साड़ी में सिंपल और सॉलिड रंग का उपयोग किया जाता है।
यह साड़ी हाथ से बुनी जाती है और इसका डिजाइन सिंपल और ट्रेडिशनल होता है। यह मधेपुरा जिले में बुनाई जाती है और इसकी बुनाई में सूती धागों का उपयोग किया जाता है।
सुपौल की इन साड़ियों में बुनाई पर खास ध्यान दिया जाता है और यह अपनी सादगी के लिए मशहूर है। यह हल्के वजन और आरामदायक फैब्रिक के कारण बहुत पसंद की जाती हैं।