भोपाल में एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद, क्या छुपे हैं इसके राज?
Other Lifestyle Feb 24 2025
Author: Shivangi Chauhan Image Credits:social media
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ताज उल के 10 फैक्ट
भोपाल, जिसे झीलों का शहर कहा जाता है। यहां स्थित ताज उल मस्जिद (Taj-ul-Masajid) न सिर्फ भारत बल्कि एशिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक मानी जाती है। जानें इससे जुड़े फैक्ट!
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शाहजहां बेगम ने रखी थी नींव
मस्जिद का निर्माण भोपाल की महिला शासक शाहजहां बेगम ने 19वीं शताब्दी में शुरू कराया था। लेकिन उनके निधन के बाद यह निर्माण कार्य अधूरा रह गया, जिसे 20वीं शताब्दी में पूरा किया गया।
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विशाल परिसर और 2 ऊंची मीनारें
इस मस्जिद का प्रांगण बेहद विशाल है और इसकी दो ऊंची गुलाबी मीनारें इसे दूर से ही पहचान दिलाती हैं। इसके अलावा, अंदरूनी हॉल में कई गुंबद और शानदार नक्काशी देखने को मिलती है।
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मुगल और अफगान आर्किटेक्चर
इस मस्जिद की वास्तुकला में मुगल और अफगान शैली की झलक देखने को मिलती है। इसकी भव्यता ताज महल से प्रेरित लगती है, वहीं इसमें अफगानी टच भी दिया गया है।
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175 फीट ऊंचे गुंबद
मस्जिद में सफेद संगमरमर से बने 175 फीट ऊंचे गुंबद इसे बेहद आकर्षक बनाते हैं। इसके अलावा, नक्काशीदार मेहराबें इसकी खूबसूरती को चार चांद लगाती हैं।
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हजारों नमाजियों की एक साथ जगह
ताज उल मस्जिद में एक बार में करीब 25,000 से 50,000 लोग नमाज अदा कर सकते हैं, जिससे इसकी विशालता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
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भोपाल आने पर जरूर जाएं
अगर आप भोपाल में global investors summit 2025 के लिए आए हैं, तो ताज उल मस्जिद को अपनी लिस्ट में शामिल करें। यह धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि इतिहास और वास्तुकला का जीवंत उदाहरण भी है।