तुलसी की माला सूखी तुलसी की लकड़ी से बनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के साथ ये सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है। इससे शुक्र और बुध ग्रह मजबूत होता है, जिससे मन शांत रहता है।
तुलसी की माला गले में धारण करने से पहले इसे गंगाजल से धो लें, सूख जाने के बाद इसे गले में पहने। किसी भी स्थिति में तुलसी की माला पहनने के बाद उतारना नहीं चाहिए।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर आपने तुलसी की माला धारण की है तो इसके साथ आपको रुद्राक्ष की माला या रुद्राक्ष की कोई और चीज नहीं पहननी चाहिए, क्योंकि इससे अशुभ होता है।
तुलसी की माला पहनने के बाद आपको कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है। सबसे पहली बात तो आपको सात्विक भोजन करना होता है।
कंठी गले में धारण करने के बाद आपको प्याज लहसुन का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि कहते हैं कि तुलसी की माला पहनने के बाद अगर प्याज लहसुन खाया जाए तो इससे नेगेटिव ऊर्जा आती है।
सनातन धर्म में मांस मछली खाना वर्जित माना गया है। ऐसे में जब आप गले में तुलसी की माला धारण करते हैं, तो आपको मांस मच्छी को हाथ भी नहीं लगाना चाहिए।
जी हां, तुलसी की माला पहनने के बाद शराब भी नहीं पीनी चाहिए। कहते हैं ऐसा करने से परिवार पर विपत्ति आ सकती है। तुलसी की माला पहनने के बाद आपको शुद्धता के साथ इसका पालन करना चाहिए।