भले ही आज की लड़कियां अलग-अलग रंग का लहंगा और साड़ी अपनी शादी के लिए चुनती हैं। लेकिन लाल जोड़े की बात ही कुछ और है।हिंदू धर्म से जुड़ी ज्यादातर लड़कियां इसी रंग को महत्व देती हैं।
शादी में लाल रंग जरूरी होता है। लड़कियां सुर्ख लाल रंग के ड्रेस में अपने जीवनसाथी का हाथ थामती हैं। लाल रंग में उनकी खूबसूरती और भी निखर कर सामने आती है।
हिंदू धर्म में लाल और पीला रंग शुभ माना गया है। देवी-देवताओं को साक्षी मानकर दूल्हा-दुल्हन एक दूसरे का हाथ थामकर जीवन भर साथ रहने का वचन देते हैं।
दुल्हन का लाल जोड़ा होने का धार्मिक कारण हैं। शक्ति, प्रेम, ममता और शौर्य की प्रतिक मां दुर्गा को कई रूपों में पूजा जाता है। मां पार्वती हमेशा लाल साड़ी पहनती हैं।
पार्वती मां हमेशा लाल साड़ी, सिंदूर समेत सोहल श्रृंगार में होती हैं। ऐसे में शादी के बाद सुहागन औरतों के लिए लाल रंग का महत्व बढ़ जाता है।
लाल रंग को प्यार, करुणा,जुनून,मिलन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसे वैवाहिक जीवन के यात्रा का भी प्रतीक माना जाता है। इसलिए इस रंग को महत्व दिया जाता है।
खून का रंग भी लाल होता है जिसे फर्टिलिटी का प्रतीक माना जाता है। शादी के बाद दो लोगों के मिलन से एक नए जीवन का आगमन इस दुनिया में होता है।
मंगल ग्रह का रंग लाल माना गया है। मंगल आपके शादीशुदा जिंदगी में खुशहाली , प्यार, समृद्धि लाने के साथ-साथ साथी से रिश्ता मजबूत करता है।