महिला की पर्सनालिटी तब और निखर उठती है जब उसके काले, लंबे और घने बाल हो। जब वो बाल खोलकर निकलती है तो लोग देखकर घायल हो जाते हैं। लेकिन शास्त्रों में खुले बाल रखने की मनाही है।
शास्त्रों में कहा गया है कि महिलाओं को रात में खुले बाल में नहीं घूमना चाहिए। ऐसा करने से बुरी नजर का प्रभाव पड़ता है। आइए जानते हैं क्यों खुले बाल नहीं रहना चाहिए।
शास्त्रों में कहा गया है कि रात के वक्त निगेटिव एनर्जी और बुरी आत्माएं ज्यादा सक्रिय होती हैं। खुले बालों की तरफ ये शक्तियां आकर्षित होती हैं। आपको बुरी शक्तियां जकड़ सकती हैं।
बाल किसी भी इंसान के शरीर की एक पावरफुल हिस्सा होने की वजह से यह किसी भी निगेटिव एनर्जी को अट्रैक्ट कर सकते हैं। जिससे आपको शारीरिक और मानसिक समस्याएं हो सकती हैं।
प्राचीन काल में खुले बालों को क्रोध और गुस्से का प्रतीक माना जाता था। कैकई जब गुस्सा हुई थी तब खुले बालों में कोप भवन में बैठ गई थी।खुला बाल क्रोधित महिलाओं की निशानी मानी जाती थी।
ज्योतिष की मानें तो खुले बालों में घर से बाहर जाना दुख और दुर्भाग्य को आमंत्रित कर सकता है। शास्त्रों में खुले बाल को शोक से भी जोड़ा गया है।
ज्योतिष की मानें तो खुले बाल में रज तत्व बढ़ जाता है।जिससे मन अधिक चंचल हो जाता है। ज्यादा फिजूलखर्ची की आदत आती है। इतना ही नहीं महिला से अनिष्ट शक्तियां गलत काम भी करा सकती हैं।
वैसे तो बाल खुला करके बाहर नहीं निकलने का कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है।लेकिन रात में अंधेरा होता है, बाल खुला करके चलते हैं तो ये आंखों पर आ सकती है और गिरने का डर होता है।