आपकी जिंदगी में कई लोग आएंगे जो कहेंगे कि मैं वादा करता हूं कि ये करूंगा। लेकिन वादा निभाना तो दूर वो याद भी नहीं करते हैं। जो लोग वादा करके भूल जाते हैं वो भरोसा करने लायक नहीं।
चाणक्य का कहना है कि बार-बार आलोचना करने वाले लोग आपकी आत्मविश्वास को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे लोगों से दूरी बनाना ही बेहतर है।
जो सिर्फ अच्छे वक्त में साथ रहते हैं लेकिन बुरे वक्त में दूर-दूर तक नजर नहीं आते हैं। चाणक्य का मानना था कि जो लोग सिर्फ फायदे के लिए आपके साथ रहते हैं, वे सच्चे दोस्त नहीं होते।
अगर कोई व्यक्ति आपके सामने दूसरों की बातें कर रहा है, तो समझ लीजिए कि आपकी बातें भी किसी और के सामने करेगा। चाणक्य ऐसे लोगों से दूर रहने की सलाह देते हैं।
मीठी बातें किसे अच्छी नहीं लगतीं? लेकिन अगर कोई जरूरत से ज्यादा तारीफ कर रहा है, तो सतर्क हो जाइए। चाणक्य के अनुसार, अत्यधिक चापलूसी करने वाले लोग अक्सर स्वार्थी होते हैं।
चाणक्य का ज्ञान हमें यह सिखाता है कि भरोसा कम लोगों पर करें, लेकिन उन पर पूरा भरोसा करें। और अगर कोई बार-बार अपना असली रूप दिखा रहा है, तो पहली बार में ही उसे समझ लें।