कम उम्र में लड़कियां अट्रैक्शन को प्यार समझ बैठती हैं। माता-पिता को जब ये पता चलता है तो वो विचलित हो जाते हैं और कुछ गलतियां कर बैठते हैं। जबकि उन्हें ज्यादा समझदारी दिखाना चाहिए।
जब पैरेंट्स को पता चलता है कि उनकी कम उम्र की बेटी को प्यार हो गया है। तो उसपर सख्ती दिखाते हैं। डांटते हैं, कई केस में मारते भी हैं। ऐसी गलती बिल्कुल नहीं करनी चाहिए।
कई केस में पैरेंट्स बच्चियों की पढ़ाई छुड़ाकर घर में बंद कर देते हैं। ये काम भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि फिर बेटी बगावती कदम उठाकर गलत फैसले ले सकती हैं।
इस उम्र में बच्चों की भावनाएं काफी प्रबल होती है। उनकी भावनाओं को हल्के में लेना या मज़ाक उड़ाना उन्हें आहत कर सकता है। उनसे बात करें और फिर क्या सही उसके बारे में समझाएं।
दूसरों के बच्चों से अपनी बेटी की तुलना ना करें। यह उसे असुरक्षित महसूस करा सकता है और उसका आत्मविश्वास कम कर सकता है।
उनके मोबाइल या व्यक्तिगत चीजों की जासूसी करना भरोसे को खत्म कर सकता है। इसके बजाय एक खुले और ईमानदार बातचीत का माहौल बनाएं। ताकि आपकी बेटी आपसे खुल सकें।
प्यार को गलत ठहराने से बच्चे विद्रोही हो सकते हैं। इसके बजाय उन्हें यह समझाएं कि इस उम्र में फैसले कैसे सही तरीके से लेने चाहिए।
हर पीढ़ी का अनुभव अलग होता है। अपनी कहानियों को उनकी स्थिति पर थोपने की बजाय उनके दृष्टिकोण को समझें। बेटी से बात करें और उन्हें अच्छे और बुरे रिश्तों में फर्क समझाएं।
अपनी बेटी को ऐसा महसूस कराएं कि आप उनके साथ हैं, चाहे जो भी हो। आत्म-निर्भर बनने और करियर पर ध्यान देने के महत्व पर चर्चा करें। फिर प्यार की तरफ कदम बढ़ाएं।