रिश्ते में शक आना एक नॉर्मल इमोशन है लेकिन उसे संभालने का तरीका बहुत मायने रखता है। यहां जानें आप कैसे अपने रिलेशनशिप में झूठ पकड़ सकते हैं। ये हैं 7 आसान तरीके।
पार्टनर का नॉर्मल बर्ताव पहचानें। आवाज का टोन, मैसेजिंग स्टाइल, रिप्लाई-टाइम ये सब, जब किसी में भी अचानक बदलाव आएगा तो झूठ जल्दी पकड़ में आता है।
किसी घटना/समय/जगह के बारे में पूछें और बार-बार बताई गई जानकारी में फर्क देखें। झूठ अक्सर छोटे-छोटे बदलाव से पकड़ा जाता है कहानी के अलग-अलग वर्जन या फैक्स जो बार-बार बदलते हैं।
सीधे क्यों पूछने के बजाय डिटेल से बताने पर मजबूर करें। सवाल करें- मैं समझना चाहती हूं कि क्या हुआ था तुमने कैसा महसूस किया? झूठ बोलने पर लोग कम डिटेल देंगे या बचने की कोशिश करेंगे।
उनके बोले शब्दों और इमोशन (टोन, फेस-एक्सप्रेशन) के मेल पर गौर करें। क्या जो कह रहे हैं, वह महसूस भी कर रहे हैं? झूठ अक्सर इमोशनल सिग्नल्स में मिसमैच पैदा करता है।
बिना छिपे-छिपाए सबूत मिलना बात को स्पष्ट कर देता है। किसी के फोन/ईमेल/ग-पी-एस की प्राइवेसी तोड़ना गैरकानूनी व अनैतिक है ये तरीके बिल्कुल न अपनाएं।
किसी बात पर संदेह है तो एक-दो इवेंट के बजाय 1–2 हफ्तों के व्यवहार का पैटर्न देखें। एक-बार की गलती और बार-बार की धोखेबाजी में फर्क करना जरूरी है। पैटर्न ही रिलेशनशिप की नींव हैं।
पैटर्न और सबूत इकट्ठे हो जाएं, तब शांत होकर, बिना आरोप के बैठकर बात करें। अपने इमोशन शेयर करें और सवाल रखें। कॉनफ्रंटेशन का लक्ष्य सच निकालना न होकर रिश्ते को सुधारना होना चाहिए।