बच्चों पर बार-बार पढ़ाई के लिए जोर डालने या शिकायत करने के बजाय, जब वे पढ़ाई कर रहे हों तब उनकी तारीफ करें। चाहें वो थोड़े समय के लिए ही क्यों ना हो। उसकी मेहनत को सराहें।
बच्चे की छोटी-छोटी कोशिशों की तारीफ करें। जैसे तुमने अपना होमवर्क पूरी मेहनत से किया, मुझे तुम पर गर्व है। यह बच्चे को प्रेरित करेगा और पढ़ाई में और मेहनत करेगा।
हर बच्चे का सीखने का तरीका अलग होता है। कुछ बच्चे किताबें पढ़कर सीखते हैं, तो कुछ को वीडियो या कहानियों के जरिए सीखते हैं। उन्हें दिलचस्प तरीके से पढ़ाने की कोशिश करें।
बच्चों की पढ़ाई की प्रगति को ट्रैक करने के लिए एक वॉल कैलेंडर बनाएं। इसमें उनकी महत्वपूर्ण तारीखें, जैसे परीक्षा और प्रोजेक्ट की अंतिम तारीखें लिखें।बच्चे को उसे देखने के लिए कहें।
जिन विषयों में बच्चे रुचि नहीं दिखाते, उन्हें रोजमर्रा के जीवन से जोड़कर समझाएं। जैसे अगर वे पौधों के बारे में पढ़ रहे हैं, तो उन्हें बगीचे में ले जाकर फूलों के बारे में बताएं।
बच्चों पर कंपटीशन के दबाव नहीं बनाएं। ये उन्हें बेवजह तनाव में डाल सकता है। उनके निजी प्रगति पर फोकर करें। उनके लिए छोटे-छोटे लक्ष्य सेट करने के लिए प्रेरित करें।
बच्चों को अपने तरीके से सीखने का मौका दें। जब वे खुद सवाल पूछते हैं और उत्तर खोजते हैं, तो उनमें जिज्ञासा विकसित होती है। बच्चों को मौका दें कि वे पढ़ाई की जर्नी खुद संभालनें।