अक्सर माता-पिता इस बात से परेशान रहते हैं कि उनके बच्चे पूरे दिन अपने कमरे में बंद रहते हैं। ऐसा लगता है कि वे अपने कमरे से बाहर आने से कतराते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।
टीनएजर्स को भी अपना स्पेस और 'मी-टाइम' चाहिए होता है। जब उन्हें लगता है कि आप उनकी प्राइवेसी में दखल दे रहे हैं, तो वे अपने कमरे में ज्यादा समय बिताना बेहतर समझते हैं।
कभी-कभी माता-पिता की ताने मारने की आदत बच्चों को चुभती है। जैसे, "अब तो तुमने हमें अपना चेहरा दिखा दिया" जैसी बातें उन्हें असहज महसूस कराती हैं।
अगर आप बच्चों से उनके स्कूल या निजी जीवन के बारे में ज्यादा सवाल पूछते हैं, तो इससे वे असहज महसूस कर सकते हैं। सवालों से बचने के लिए वे कमरे में रहना पसंद करते हैं।
कुछ माता-पिता अपने बच्चों की जिंदगी में बहुत ज्यादा दखल देते हैं। अगर आप लगातार उनकी हर बात जानने की कोशिश करते हैं, तो बच्चे इस वजह से अपने कमरे में बंद रहना पसंद करते हैं।
टीनएजर्स के लिए उनका कमरा वो जगह होती है जहां वे मानसिक शांति और आराम पा सकते हैं। इसलिए वे वहां ज्यादा समय बिताना पसंद करते हैं।
कई बार बच्चे कमरे से बाहर इसलिए नहीं निकलते क्योंकि उन्हें डर रहता है कि आप उन्हें कोई घर का काम दे देंगे, जिससे बचने के लिए वे कमरे में बंद रहना पसंद करते हैं।