कभी भी अपनी पत्नी की तुलना दूसरी महिला से नहीं करनी चाहिए। चाहे वो आपकी मां, बहन या दोस्त क्यों ना हो। पत्नी को लगता है कि उसे आप कम आंक रहे हैं। इससे रिश्ते में दरार आ सकती है।
अगर आप पत्नी को ज्यादा वक्त नहीं देते हैं। उसकी बातों को अनसुना करते हैं तो फिर रिश्ते को कमजोर बनाने के लिए जिम्मेदार आप होंगे। हो सकता है वो प्यार की तलाश में कहीं और निकल जाए।
पत्नी की भावनाओं, उसकी पसंद-नापसंद का सम्मान करें। कभी भी उसे अपमानजनक शब्द न कहें या उसके आत्मसम्मान को ठेस न पहुंचाएं।
अतीत की बातों को अगर बार-बार अपने रिश्ते में लाते हैं तो यह कड़वाहट की वजह बन सकती है। पुराने मुद्दों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना जरूरी है।
पत्नी की हर चीज़ को कंट्रोल करने की कोशिश न करें। उसे अपनी व्यक्तिगत स्वतंत्रता और निर्णय लेने की आजादी दें। अगर आप उसे कंट्रोल करते हैं तो एक दिन वो आपको छोड़कर चली जाएगी।
फिजिकल इंटिमेसी भी रिश्ते का अहम हिस्सा होती है। इस पहलू को नजरअंदाज करने से भी दूरियां बढ़ सकती हैं।
पत्नी पर अनावश्यक शक करना या उसकी हर बात पर सवाल उठाना रिश्ते में अविश्वास पैदा करता है। विश्वास किसी भी रिश्ते की नींव होता है, इसलिए इस पर हमेशा ध्यान दें।
अगर आप अपने प्राइवेट बातों को दूसरे से साझा करते हैं तो यह फिर आगे चलकर गलतफहमी पैदा कर सकता है। रिश्ते की समस्याओं को आपस में ही सुलझाएं।