शादी का रिश्ता जिम्मेदारियों से भरा रिश्ता होता है।अगर पति-पत्नी के बीच समीकरण ठीक ना हो तो नौबत तलाक तक चली जाती है। मैरेज को हसीन बनाने के लिए सुधा मूर्ति की बातें गांठ बांध लें।
सुधा मूर्ति कहती हैं कि दो लोगों में शादी का आधार प्रेम होना चाहिए। अगर पति-पत्नी के बीच प्यार होगा तो किसी भी सिचुएशन को हैंडल कर सकते हैं। पैसा वहां मैटर नहीं करता है।
सुधा मूर्ति कहती हैं कि पति-पत्नी के बीच लड़ाई होता है। ऐसा कोई रिश्ता नहीं जिसमें लड़ाई नहीं होता है। लेकिन लड़ाई के वक्त एक अगर एग्रेसिव है तो दूसरे को शांत हो जाना चाहिए।
लड़ाई के बाद अक्सर कपल बात करना बंद कर देते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। लड़ाई के बाद जब शांति आ जाए तो बातचीत करें और शांति से विवाद को सुलझाएं।
आज के दौर में पति-पत्नी किसी सिचुएशन को सिर्फ अपना बना लेते हैं। कोई भी अच्छा बुरा सिचुएशन तुम्हारा या मेरा नहीं होना चाहिए। शादी के बाद हमारा होता है। इसे मिलकर हल करना चाहिए।
सुधा मूर्ति कहती हैं कि जीवनसाथी के बीच आपसी प्रेम के साथ सम्मान होना बहुत ही जरूरी है। एक दूसरे का सम्मान करें प्यार करें, तभी शादी का रिश्ता निभाया जाएगा।
रिश्तों में सबसे बड़ी चुनौती होती है, जब हम अपनी गलतियों को स्वीकार करें और माफी मांगें। इससे रिश्ते और भी गहरे और मजबूत होते हैं।
एक अच्छे रिश्ते का मतलब है कि आप एक-दूसरे की खामियों को भी स्वीकार करें और उन्हें सुधारने में मदद करें।