बच्चों को डिसिप्लिन सिखाने के लिए पहला कदम है उन्हें समझाना कि आप उसे क्या उम्मीद करते हैं। उनके लिए एक क्लियर नियम बनाएं। जैसे खाना खाने के बाद सिंक में प्लेट खुद रखना।
बच्चों के अच्छे व्यवहार की सराहना करें। जैसे 'आपने होमवर्क समय पर किया, मुझे आप पर गर्व हैं' ऐसे बातें जब उन्हें बोलते हैं तो बच्चों एहसास होता है कि वो सही काम कर रहे हैं।
बच्चे कभी-कभी जिद या गलत बिहेवियर किसी कारणवश करते हैं। उसे समझने की कोशिश करें। क्या उन्हें प्यार या ध्यान की जरूरत है? जब आप उनके इमोशन को समझेंगे तो सही रास्ता दिखा सकते हैं।
बच्चे गलती करेंगे, यह उनकी सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा है। गुस्से में रिएक्शन देने की बजाय शांत रहें। खुद को शांत करने के लिए गहरी सांस लें। फिर उन्हें समझाएं कि उनका काम गलत था।
बच्चों को यह ऑप्शन दें कि वे खुद निर्णय लें सकें। इससे वो खुद को स्वतंत्र महसूस करते हैं। जैसे क्या तुम पहले होमवर्क करना चाहोगे या खेलकर फिर पढ़ाई? इससे खुद फैसला लेना सिखते हैं।
बच्चों को सजा देने की बजाय उन्हें काम के परिणाम को महसूस करने दें। जैसे,'अगर बच्चा अपना खिलौना नहीं उठता है, तो आप उसे खुद हटाएं। इससे बच्चे को खुद की गलती का एहसास होगा।
बच्चे अपने माता-पिता से सीखते हैं। अगर आप अनुशासन में रहेंगे और अच्छे व्यवहार का प्रदर्शन करेंगे, तो बच्चे भी ऐसा ही करेंगे। इसलिए जब भी बात करें शांति से करें।
बच्चे के लिए रुटीन बनाएं। इससे उन्हें अनुशासन और समय की अहमियत समझ में आती है। रात में 9 बजे सोने का वक्त तय करें। बच्चे तय रूटीन में रहकर सहज महसूस करते हैं।