अरविंद केजरीवाल को जेल से बाहर रहते हुए कई शर्तों का कड़ाई से पालन करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत पर रहने के दौरान उन्हें शर्तों का पालन करना होगा।
केजरीवाल को जेल से रिहा होने से पहले 50,000 रुपये का निजी मुचलका भरना होगा।
अरविंद केजरीवाल न तो दिल्ली सीएम ऑफिस जा सकेंगे ना ही उनको दिल्ली सचिवालय में जाने की अनुमति है।
केजरीवाल लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों का प्रचार जितना चाहे कर सकेंगे।
उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अनुमति के बिना उन्हें किसी भी आधिकारिक फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करना है।
केजरीवाल दिल्ली शराब नीति मामले के बारे में नहीं बोल सकते या अपने ऊपर लगे आरोपों पर चर्चा नहीं कर सकते।
दिल्ली के मुख्यमंत्री इस मामले में किसी भी गवाह से संपर्क नहीं कर सकते।
अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने अरेस्ट किया था। 51 दिनों के बाद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिली है।
दिल्ली के सीएम केजरीवाल पर रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति में हुए भ्रष्टाचार का आरोप है।
ईडी ने इससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में अरेस्ट किया था। पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया अभी जेल में ही हैं। संजय सिंह कुछ दिनों पहले आए बाहर।