हैदराबाद की एक हथियार निर्माण कंपनी ने 9x19mm कैलिबर की सबमशीन गन 'ASMI' बनाई है। आने वाले समय में NSG के जवान इजरायली या जर्मन हथियारों की जगह इस गन से आतंकियों का सफाया करेंगे।
ASMI को लोकेश मशीन्स लिमिटेड ने बनाया है। इसे सेना की उत्तरी कमान से 4.26 करोड़ रुपए की 550 ASMI का ऑर्डर मिला है। यह सेना में शामिल होने वाला पहला स्वदेशी हथियार बना है।
ASMI के लिए सिर्फ सेना ने पहल नहीं की है। पहले ही NSG और असम राइफल्स को 10-10 गन के पायलट लॉट दिए गए हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भी चार गन के लिए पायलट ऑर्डर दिया है।
ASMI की बड़ी खासियत है कि यह भारत में बनी गोलियों के साथ ही नाटो स्टैंडर्ड की आयात की जाने वाली गोलियों को भी फायर कर सकता है।
ASMI का मूल डिजाइन आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ARDE) पुणे और सेना ने तैयार किया है। इसके बाद लोकेश मशीन्स लिमिटेड ने इसे आगे विकसित किया है।
ASMI ने इजरायल वेपन इंडस्ट्रीज के 'उजी' और जर्मन हथियार निर्माता हेकलर एंड कोच के M को मुकाबले में हराया है। इसे इस्तेमाल करना आसान है। यह भरोसेमंद और सटीक है।
ASMI की बॉडी एयरोस्पेस ग्रेड एल्यूमीनियम से बनी है। इसका वजन 2.4 kg है। यह अपनी कैटेगरी के दूसरे हथियारों से 10-15% हल्का है।
ASMI की कीमत 1 लाख से कम है। वहीं, इस केटेगरी के विदेशी गन की कीमत 1 लाख से अधिक है। ASMI की मैगजीन में 32 गोलियां आती हैं। यह 800 राउंड प्रति मिनट की रफ्तार से फायरिंग करता है।