Hindi

क्या है सिंथेटिक एपर्चर रडार, लॉन्च करेंगे नासा-इसरो, आएगा किस काम?

Hindi

नासा-इसरो मिलकर लॉन्च करेंगे NISAR

भारत-US मिलकर सिंथेटिक एपर्चर रडार लॉन्च (NISAR) करने की तैयारी कर रहे हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो द्वारा इसे संयुक्त रूप से लॉन्च किया जाएगा।

Image credits: nisar.jpl.nasa.gov
Hindi

जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में आएगा काम

सिंथेटिक एपर्चर रडार लॉन्च को जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।

Image credits: nisar.jpl.nasa.gov
Hindi

जेक सुलिवन और अजीत डोभाल के बीच हुई बैठक

नई दिल्ली में सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन की पीएम नरेंद्र मोदी और भारत के NSA अजीत डोभाल से मुलाकात हुई। इसके बाद व्हाइट हाउस ने यह घोषणा की है।

Image credits: nisar.jpl.nasa.gov
Hindi

महत्वपूर्ण और उभरती हुई टेक्नोलॉजी पर बढ़ेगी साझेदारी

जेक सुलिवन और अजीत डोभाल ने महत्वपूर्ण और उभरती हुई टेक्नोलॉजी (iCET) पर अमेरिका-भारत पहल की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की। इस क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाने पर चर्चा हुई।

Image credits: Alaska National Park Service
Hindi

नासा-इसरो ने मिलकर बनाया है सिंथेटिक एपर्चर रडार

अमेरिका ने कहा कि नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी की जा रही है। यह संयुक्त रूप से विकसित उपग्रह है।

Image credits: USGS
Hindi

12 दिन में दो बार धरती की सतह का मैप बनाएगा NISAR

सिंथेटिक एपर्चर रडार पृथ्वी की सतह का हर 12 दिन में दो बार मैप बनाएगा। इससे जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।

Image credits: nisar.jpl.nasa.gov
Hindi

12 मीटर व्यास का है NISAR का रडार

इस अंतरिक्ष यान को भारत के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। इसके रडार का व्यास 12 मीटर है।

Image credits: nisar.jpl.nasa.gov
Hindi

पृथ्वी की सतह की ओर माइक्रोवेव सिग्नल्स भेजेगा NISAR

NISAR पृथ्वी की सतह की ओर माइक्रोवेव सिग्नल्स भेजेगा और प्राप्त करेगा। यह हर 12 दिन में दो बार ग्रह की लगभग सभी भूमि और बर्फ की सतहों को स्कैन करेगा।

Image credits: USFS
Hindi

प्राकृतिक खतरों से आगाह करेगा NISAR

NISAR पृथ्वी के बदलते पारिस्थितिकी तंत्र की जानकारी जुटाएगा। यह मापेगा कि कहां कितनी बर्फ है। इससे प्राकृतिक खतरों, समुद्र स्तर में वृद्धि और भूजल के बारे में भी जानकारी मिलेगी।

Image Credits: nisar.jpl.nasa.gov