बॉलीवुड सिंगर अलका याग्निक को वायरल अटैक के कारण बहरेपन की दुर्लभ बीमारी हुई है। उन्होंने लोगों से तेज संगीत और हेडफोन के संपर्क में आने से सावधान रहने का आग्रह किया है।
अलका याग्निक ने इंस्टाग्राम पर लिखा, "कुछ सप्ताह पहले, जब मैं विमान से उतर रही थी तो मुझे अचानक महसूस हुआ कि मैं कुछ भी सुन नहीं पा रही हूं।"
अलका याग्निक ने बताया कि डॉक्टरों ने उनकी बीमारी का इलाज किया है। उन्होंने अपने प्रशंसकों से बहुत तेज संगीत सुनने और हेडफोन इस्तेमाल करते वक्त सावधानी बरतने के लिए कहा है।
अलका को सेंसोरीन्यूरल नर्व हियरिंग लॉस हुआ है। यह कान के अंदर के हिस्से या कान से ब्रेन तक ध्वनि के संकेत पहुंचाने वाले तंत्रिका मार्गों को क्षति पहुंचने से होती है।
सेंसोरीन्यूरल हियरिंग लॉस उम्र बढ़ने पर भी प्राकृतिक रूप से होती है, लेकिन बहुत तेज संगीत सुनने से भी आंतरिक कान या हियरिंग नर्व को नुकसान हो सकता है।
कान के अंदर के हिस्से में कोक्लीया नाम के अंग पर छोटे-छोटे बाल होते हैं। इन्हें स्टीरियोसिलिया कहा जाता है। ये बाल ध्वनि तरंगों से कंपन को तंत्रिका संकेतों में बदलते हैं।
इन तंत्रिका संकेतों को दिमाग समझता है, जिससे हमें सुनने का अहसास होता है। 85 डेसिबल से अधिक तेज आवाज के संपर्क में आने से ये बाल क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
जन्मजात: गर्भावस्था या प्रसव के दौरान जटिलताएं या आनुवंशिक वजह।
लंबे समय तक तेज आवाज के संपर्क में रहने से कान के अंदरूनी हिस्से की बाल कोशिकाएं नष्ट हो सकती हैं, इससे सुनने की क्षमता कम हो सकती है।
उम्र बढ़ने से भी कान के अंदरूनी हिस्से की बाल कोशिकाओं को नुकसान होता है, जिससे सुनाई कम देने लगता है।