रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 12 सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 11,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाने को मंजूरी दी है।
सुखोई-30 एमकेआई भारतीय वायु सेना (IAF) का मुख्य लड़ाकू विमान है। चीन हो या पाकिस्तान भारत के किसी पड़ोसी के पास इसका जवाब नहीं है।
सुखोई-30 दो इंजन वाला विमान है। इसमें दो पायलट बैठते हैं। मुख्य पायलट विमान उड़ता है और को-पायलट हथियारों का इस्तेमाल करता है।
सुखोई-30 एयर सुपीरियॉरिटी फाइटर जेट है। हवा में दूसरे लड़ाकू विमान से लड़ाई होने पर यह भारी पड़ता है। दो इंजन, बेहतर राडार और एवियोनिक्स इसे खास बनाते हैं।
सुखोई दुनिया का एकमात्र फाइटर जेट है जो हवा से जमीन पर मार करने वाले सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को लेकर उड़ता है। इस मिसाइल का रेंज 300 km है।
सुखोई-30 एमकेआई को रूस ने विकसित किया है। भारत में इसका निर्माण लाइसेंस के तहत HAL द्वारा किया जाता है।
सुखोई-30 मल्टीरोल फाइटर जेट है। हवा से हवा में लड़ाई हो या जमीन पर हमला करना यह हर तरह के काम करता है। ब्रह्मोस से लैस होने के बाद यह दुश्मन की नौसेना के लिए बड़ा खतरा बन गया है।