गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट TV-D1 Mission सफल हो गई है। इस मिशन का मकसद क्रू एस्केप सिस्टम की जांच करना है। इसकी जानकारी इसरो चीफ एस सोमनाथ ने दी।
इस टेस्ट फ्लाइट के बाद 2024 की शुरुआत में ISRO गगनयान मिशन का पहला अनमैन्ड मिशन प्लान किया है। इसमें इंसानों की तरह रोबोट या व्योम मित्र अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे।
इस अनमैन्ड मिशन के सफल रहने के बाद 2025 में ISRO अपना पहला मानव मिशन अंतरिक्ष में भेजेगा, जिसमें 3 लोग जाएंगे।
'गगनयान' मिशन के तहत 3 सदस्यों के दल को 3 दिनों के लिए 400 KM ऊपर पृथ्वी की कक्षा में भेजा जाएगा। इसके बाद क्रू मॉड्यूल को सुरक्षित रूप से समुद्र में लैंड कराया जाएगा।
अगर भारत अपने गगनयान मिशन में कामयाब रहा तो वो ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका, चीन और रूस ही ऐसा कर पाए हैं।
12 अप्रैल, 1961 में रूस के यूरी गागरिन 108 मिनट स्पेस में रहे। 1961 में अमेरिका के एलन शेफर्ड 15 मिनट स्पेस में रहे। 15 अक्टूबर, 2003 को चीन के यांग लिवेड 21 घंटे स्पेस में रहे थे।
भारत के गगनयान मिशन का बजट 9023 करोड़ रुपए है। वहीं, चंद्रयान-3 मिशन का बजट महज 615 करोड़ रुपए था। यानी चंद्रयान मिशन की तुलना में गगनयान मिशन की लागत 15 गुना ज्यादा है।
गगनयान मिशन की कामयाबी से भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष के वातावरण को समझने का मौका मिलेगा। साथ ही ये मिशन स्पेस रिसर्च में देश को एक नया मुकाम देगा।
गगनयान मिशन का ऐलान PM मोदी ने 2018 में किया था। इस मिशन को 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन कोविड के चलते इसमें देरी हुई। अब इस मिशन को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।