भारत सरकार की रक्षा अनुसंधान संस्था DRDO एक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल विकसित कर रहा है। यह भारत का अब तक का सबसे खौफनाक मिसाइल होगा।
भारत के इस मिसाइल की स्पीड 6-12 हजार किलोमीटर प्रति घंटा होगी। अत्यधिक तेज रफ्तार और हवा में दिशा बदलने की क्षमता के चलते इसे रोक पाना बेहद कठिन होगा।
DRDO ने 2020 और 2023 में अपने हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। इसे HSTDV (Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle) नाम दिया गया था।
वर्तमान में भारत के पास ब्रह्मोस के रूप में दुनिया का सबसे घातक क्रूज मिसाइल है। इसका रेंज करीब 300 किलोमीटर है। ब्रह्मोस का रेंज बढ़ाने पर काम हो रहा है।
हाइपरसोनिक मिसाइल वे हैं जिनकी रफ्तार हवा में आवाज की गति से 5 गुना से भी तेज होती है। बहुत अधिक रफ्तार के चलते एयर डिफेंस सिस्टम से इन्हें रोक पाना मुश्किल है।
भारत के पास अग्नि 5 के रूप में एक हाइपरसोनिक मिसाइल पहले से है। यह परमाणु हमला भी कर सकता है। अग्नि 5 बैलिस्टिक मिसाइल है।
हाइपरसोनिक मिसाइल के मामले में रूस सबसे आगे है। रूस के पास 3M22 Tsirkon, Kh-47M2 Kinzhal, Avangard और Kh-95 जैसे हाइपरसोनिक मिसाइल हैं।
अमेरिका ने भी हाइपरसोनिक मिसाइल बनाए हैं। चीन के पास भी ऐसे मिसाइल हैं। पाकिस्तान के पास हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने की क्षमता अभी नहीं है।
हाइपरसोनिक मिसाइल मुख्य रूप से दो तरह के होते हैं। एक ग्लाइड व्हीकल्स और दूसरा क्रूज मिसाइल। ग्लाइड व्हीकल्स एक तरह के बैलिस्टिक मिसाइल हैं।
लॉन्च किए जाने के बाद ग्लाइड व्हीकल्स बहुत ऊंचाई तक जाते हैं। इसके बाद टारगेट की ओर गोता लगाते हैं। इस दौरान इसकी रफ्तार हाइपरसोनिक हो जाती है।
क्रूज मिसाइल किसी विमान की तरह होते हैं, जिन्हें आगे बढ़ने के लिए हमेशा इंजन से ताकत मिलती है। हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल में स्क्रैमजेट इंजन लगाया जाता है।