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गगनयान टेस्ट की खास बातें, 17 km की ऊंचाई पर अलग होगा क्रू मॉड्यूल

इसरो गगनयान के क्रू एस्केप सिस्टम को टेस्ट करेगा। 17km की ऊंचाई पर क्रू मॉड्यूल रॉकेट से अलग होगा। क्रू एस्केप सिस्टम का मुख्य पैराशूट 2.5km पर खुलेगा।

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सिंगल स्टेज रॉकेट से लॉन्च होगा गगनयान

गगनयान के लिए बनाए गए क्रू मॉड्यूल को AR6 विकास इंजन वाले सिंगल स्टेज रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। यह 17 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाएगा तब क्रू मॉड्यूल अलग होगा।

Image credits: ISRO
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क्रू मॉड्यूल में लगाए गए हैं 10 पैराशूट

क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम के साथ 10 पैराशूट लगाए गए हैं। रॉकेट से अलग होने के बाद पैराशूट काम करना शुरू करेंगे।

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4520 किलोग्राम है क्रू मॉड्यूल का वजन

क्रू मॉड्यूल का वजन 4520 किलोग्राम है। इसका स्ट्रक्चर एल्यूमीनियम से बना है। इसकी दीवार एक लेयर वाली है। इसमें हवा का दवाब बनाने की व्यवस्था नहीं है।

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बंगाल की खाड़ी में उतरेगा क्रू एस्केप सिस्टम

बंगाल की खाड़ी में उतरते वक्त क्रू एस्केप सिस्टम अपने पैराशूट का इस्तेमाल करेगा। इससे उसके नीचे आने की रफ्तार कम होगी। पानी से गिरने के वक्त उसकी रफ्तार 8.5मीटर प्रति सेकंड होगी।

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क्रू एस्केप सिस्टम में लगाए गए हैं लोकेशन ट्रांसमीटर

क्रू एस्केप सिस्टम में सी मार्कर्स और लोकेशन ट्रांसमीटर लगाए गए हैं। इसकी मदद से नौसेना को पता चलेगा कि क्रू एस्केप सिस्टम कहा है। इसके बाद उसे नाव की मदद से जमीन पर लाया जाएगा।

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इंसान को भेजने की क्षमता वाला चौथा देश बनेगा भारत

इसरो का आज का टेस्ट सफल हुआ तो भारत अंतरिक्ष में इंसान को भेजने और वापस लाने की क्षमता रखने वाला चौथा देश बन जाएगा। अभी तक यह क्षमता अमेरिका, रूस और चीन के पास है।

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