जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनने के बाद से इसके पूर्ण राज्य का दर्जा बहाली की सुगबुगाहट तेज हो गई है।
उमर अब्दुल्लाह कैबिनेट में पूर्ण राज्य की संस्तुति के बाद उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी प्रस्ताव को अप्रूव कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा कैबिनेट के प्रस्ताव को मंजूर किए जाने के बाद अब केंद्र सरकार को निर्णय लेना है।
उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के माध्यम से अब केंद्र सरकार को प्रस्ताव चला गया है। अब केंद्र को इस पर फैसला लेना है।
पूर्ण राज्य के दर्जे के लिए केंद्र सरकार ही जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में बदलाव की प्रक्रिया शुरू करेगी। इसी के तहत उसे केंद्र शासित राज्य बनाया गया था।
पूर्ण राज्य के दर्जे के लिए संसद में एक कानून पारित कर पुनर्गठन अधिनियम में बदलाव करना होगा। यह बदलाव संविधान की धारा 3 और 4 के तहत होंगे।
पूर्ण राज्य का दर्जा के लिए केंद्र को संसद के दोनों सदनों में प्रस्ताव पास कराना होगा। मंजूरी के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाएगा।
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा, उसे दो यूनियन टेरिटरी (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था।