लोकसभा में कुल 543 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए 272 सीटें होनी चाहिए। बीजेपी की अलायंस एनडीए के पास 292 सीटें हैं, जबकि इंडिया अलायंस के पास कुल 234 सीटें ही हैं।
नीतीश कुमार की जदयू के पास 12 सीटें हैं। उनके जाने के बाद एनडीए (292) के पास 280 सीटें रहेंगी, जो बहुत से 8 सीटें ज्यादा है, ऐसे में भी एनडीए सरकार बनी रहेगी।
एनडीए के पास 292 सीटें हैं। चंद्रबाबू नायडू की TDP की 16 है। अगर टीडीपी साथ छोड़ दे तो एनडीए के पास 276 सीटें बचेंगी, बहुमत से 4 ज्यादा और मोदी सरकार बनी रहेगी।
टीडीपी 16, जदयू 12 सीटों के साथ अगर चले जाएं तो एनडीए के पास कुल 292 सीटों में से 264 रहेंगी, यानी बहुमत से 8 सीटें, ऐसे में एनडीए कई निर्दलीयों के मिलाकर सरकार बना सकती है।
NDA बहुमत से भले ही कम रहे लेकिन सबसे बड़ा अलायंस होने के चलते राष्ट्रपति उसे ही सरकार बनाने का न्योता देंगे। एक बार सरकार बनने के बाद छोटे-छोटे दल का साथ लाना काफी आसान हो सकता है
अगर नीतीश कुमार NDA छोड़कर इंडिया अलायंस के साथ चले जाएं तो उनकी 12 सीट मिलाकर इंडिया गठबंधन की सीटें 246 पहुंच जाएंगी, जो बहुत से 28 सीटें कम हैं।
अगर टीडीपी (16) इंडिया अलायंस में आ जाते हैं तो उनका आंकड़ा 250 हो जाएगा यानी बहुमत से 22 सीटें कम रहेंगी। सरकार बनाने में दिक्कत आएगी।
अगर टीडीपी (16) और जदयू (12) इंडिया अलायंस में आ जाते हैं तो उनका आंकड़ा 262 हो जाएगा यानी बहुमत से 10 सीटें कम।
इन समीकरणों से मोदी नंबर गेम में आगे हैं और तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। BJP सबसे बड़ी पार्टी है, अगर उसके कुछ साथी साथ छोड़ भी दें तो भी ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला है।