11 मई भारत के इतिहास का अहम दिन है। इस दिन 1998 में भारत ने राजस्थान के पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था। इसे ऑपरेशन शक्ति नाम दिया गया था।
मई 1998 में भारतीय सेना के पोखरण टेस्ट रेंज में पांच परमाणु बम टेस्ट किए गए थे। टेस्ट पूरी तरह सफल रहा था।
इन टेस्ट से भारत ने विखंडन और थर्मोन्यूक्लियर हथियार बनाने की क्षमता का प्रदर्शन किया था। इसके साथ ही परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बन गया था।
11 मई 2023 को पोखरण परमाणु परीक्षण के 25 वर्ष पूरे हुए। पिछले 25 वर्षों में भारत ने रक्षा, परमाणु रिएक्टर क्षमता और ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं।
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स (एफएएस) के अनुसार, भारत के पास वर्तमान में लगभग 160 परमाणु हथियार हैं। भारत जमीन, हवा और समुद्र से परमाणु हथियार लॉन्च कर सकता है।
परमाणु हथियार दागने के लिए भारत के पास अग्नि, पृथ्वी और के श्रृंखला की बैलिस्टिक मिसाइलें हैं। भारत के पास परमाणु पनडुब्बियां और ऐसे लड़ाकू विमान हैं जो एटम बम गिरा सकते हैं।
पिछले दो दशक में परमाणु ऊर्जा से बिजली बनाने की भारत की क्षमता में तेजी से वृद्धि हुई है।
2003-04 में वार्षिक परमाणु ऊर्जा उत्पादन 17,700 मिलियन यूनिट था। यह 2021-22 में बढ़कर 47,112 मिलियन यूनिट हो गया। इस तरह लगभग 165 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
भारत में 22 परमाणु रिएक्टर से बिजली बनाई जा रही है। सरकार ने 2017 में 1.05 लाख करोड़ रुपए की लागत और 7,000 मेगा वाट की क्षमता वाले 11 स्वदेशी रिएक्टरों को मंजूरी दी थी।
भारत ने 1998-99 में 2,225 मेगावाट की उत्पादन क्षमता स्थापित की थी। यह वित्त वर्ष 2023 में 205 प्रतिशत बढ़कर 6,780 मेगावाट हो गई है।
निर्माणाधीन परियोजनाओं के पूरा होने से वर्ष 2024-25 तक 6,780 मेगावाट की वर्तमान क्षमता 13,480 मेगावाट तक पहुंच जाएगी।
सरकार ने 9,000 मेगावाट की क्षमता वाले 12 परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों के लिए मंजूरी दी है। इन्हें 2031 तक बनाना है। इससे कुल परमाणु ऊर्जा क्षमता 22,480 मेगावाट तक पहुंच जाएगी।
भारत काम कर रहे परमाणु रिएक्टरों की संख्या में दुनिया में छठा सबसे बड़ा और निर्माणाधीन रिएक्टरों सहित कुल रिएक्टरों की संख्या में दूसरा सबसे बड़ा देश है।
परमाणु ऊर्जा विभाग का लक्ष्य 2030 तक परमाणु ऊर्जा उत्पादन की 20 गीगावॉट क्षमता हासिल करना है। भारत अमेरिका और फ्रांस के बाद परमाणु ऊर्जा का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक बन जाएगा।