बाबा साहेब अंबेडकर पर गृहमंत्री अमित शाह के बयान बाद सियासत तेज हो गई है। मामले ने तब और तूल पकड़ ली, जब बीजेपी सांसद प्रताप चंद्र सारंगी ने राहुल गांधी पर धक्का देने का आरोप लगाया
संसद परिसर में हुई धक्का-मुक्सी में प्रताप सारंगी नीचे गिर गए, उन्हें चोट आई है। इसके बाद राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने BJP सांसद को धक्का दिया, जिससे मामला बिगड़ गया।
संविधान में सांसदों-विधायकों के लिए कुछ विशेषाधिकार हैं। जिन्हें इम्यूनिटी कहते हैं। ये अधिकार उन्हें बिना किसी दबाव के लोकतांत्रिक तरीके से अपना काम करने के लिए सुरक्षा देते हैं।
संविधान का अनुच्छेद 105 संसद और उसके सदस्यों को उनके कामकाज को तय करने के लिए कुछ शक्तियां, विशेषाधिकार देता है, जो उन्हें कई मामलों में गिरफ्तारी से छूट देती है।
संसद के सदस्य सदन में अपने विचार रख सकते हैं, किसी सदस्य की किसी बात को पूरी आजादी से रख सकते हैं, सांसद गिरफ्तारी, नजरबंदी, दोषसिद्धी की जानकारी संसद को दी जाती है।
संविधान का नियम कहता है कि सभापति की अनुमति के बिना सदन के अंदर किसी भी सांसद को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।
संसद में सांसदों द्वारा धक्का-मुक्की या मारपीट जैसा मामला अभी तक नहीं आया है। संविधान या संसद नियमावली में इसका जिक्र नहीं है, ऐसे में साफ है कि ऐसा होने पर विशेषाधिकार नहीं मिलेगा
जब किसी सांसद को उसका विशेषाधिकार नहीं मिलेगा तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है, मतलब अगर राहुल गांधी पर आरोप सिद्ध होता है तो उन पर कानूनी एक्शन हो सकता है।