वंदे भारत ट्रेन की डिजाइन और टेक्निक पूरी तरह से मेड इन इंडिया है। यह ट्रेन ऐसे बना है कि एक्सीडेंट होने पर पैसेंजर सुरक्षित रहें।
National Aug 19 2023
Author: Dheerendra Gopal Image Credits:Our own
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कवच से भी लैस
वंदे भारत ट्रेन कवच टेक्नोलॉजी से लैस है। अगर लोको पायलट गलती से रेड सिग्नल नहीं देखता है तो कवच टेक्नोलॉजी तुरंत अलर्ट जारी कर देगा। इससे दो ट्रेनों में टक्कर नहीं होगी।
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दोनों तरफ ड्राइवर कोच
वंदे भारत ट्रेन के दोनों सिरों पर ड्राइवर कोच होता है। इससे दिशा बदलने के लिए बार बार इंजन बदलने की आवश्यकता नहीं होती।
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आरामदायक सफर
वंदे भारत की अधिकतम स्पीड 180 किमी प्रति घंटा है। हर कोच में सस्पेंशन ट्रैक्शन मोटर लगे होने के कारण यात्रा बेहद आरामदायक और स्मूद होगी।
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ऑटोमेटिक दरवाजे
ट्रेन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। एक्जीक्यूटिव कोच में सीटों को 180 डिग्री में रोटेट किया जा सकता है। ऑटोमेटिक दरवाजे लगे हैं।
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सीसीटीव कैमरा
वंदे भारत ट्रेन में फायर सेंसर, सीसीटीवी कैमरा, ट्रेन के अंदर वाई-फाई सुविधा भी है।
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स्मार्ट कम्युनिकेशन
स्मार्ट कम्युनिकेशन सिस्टम की वजह से किसी भी इमरजेंसी में गार्ड, लोकोपायलट से लेकर कोच में बैठे यात्री तक कोई भी इमरजेंसी मैसेज कम्युनिकेट हो सकता।
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2019 में पहली वंदे भारत दौड़ी
पहली वंदे भारत ट्रेन 15 फरवरी 2019 में शुरू हो गई थी। अब तक 25 वंदे भारत ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं।
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रंगों का दो कंबिनेशन
वंदे भारत ट्रेन के रंगों का दो कंबिनेशन है। पहले वंदे भारत ट्रेन नीली-सफेद कंबिनेशन में चलाई गई। अब इसको केसरिया और ग्रे रंगों के कंबिनेशन में चलाया जा रहा।
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2018 में हुआ था ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2018 को लाल किले से दिए भाषण में 75 वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू किए जाने का ऐलान किया था।