आम चुनाव 2024 के दौरान कांग्रेस ने अग्निवीर योजना रद्द करने का वादा किया। चुनाव के बाद NDA के प्रमुख सहयोगी दल जदयू ने कहा है कि सेना के लिए अग्निपथ भर्ती योजना की समीक्षा की जाए।
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि अग्निपथ योजना की कमियों पर चर्चा की जाए। जिन कमियों पर जनता ने सवाल उठाए हैं उन्हें दूर किया जाए। इसके बाद से अग्निवीर योजना चर्चा में है।
केंद्र सरकार 2022 में भारतीय सेनाओं में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना लेकर आई थी। इसके अनुसार थल सेना, नौसेना और वायु सेना में जवानों को भर्ती किया गया।
अग्निपथ योजना के तहत जवानों को चार साल के लिए सेनाओं में भर्ती किया जाता है। सरकार ने इसका लाभ सेना की उम्र में कमी करना बताया था।
अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किए गए जवानों में से 25 फीसदी को चार साल बाद नियमित कैडर में भेजा जाएगा, 75 फीसदी को बाहर जाना होगा।
अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले जवानों को अग्निवीर कहा जाता है। अग्निपथ योजना के तहत 17.5 से 21 साल के युवाओं को 4 के लिए सशस्त्र बलों में सेवा करने की अनुमति मिलती है।
अग्निवीरों को तीनों सेनाओं में लागू जोखिम और कठिनाई भत्ते के साथ आकर्षक वेतन दिया जाता है। 4 साल की सेवा पूरी होने पर अग्निवीरों को एकमुश्त 'सेवानिधि' पैकेज का भुगतान किया जाएगा।
अग्निवीर को चार साल की सेवा पूरी होने पर 11.71 लाख रुपए मिलेगा। अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में विरोध होने पर सरकार ने कम से कम 75% अग्निवीरों को चार साल बाद छोड़ने का फैसला किया।
इसी कमी के चलते अग्निपथ योजना का विरोध हो रहा है। पूछा जा रहा है कि चार साल सेना में काम करने के बाद घर लौटे युवा आगे क्या करेंगे?
जिन अग्निवीरों को सेना से निकाला जाएगा उनके सामने फिर से नौकरी तलाशने की चुनौती होगी। सरकार का कहना है कि उन्हें सीएपीएफ, असम राइफल्स, कई बलों में भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी।
अग्निवीरों को कानून और व्यवस्था, इंजीनियरिंग और मैकेनिक्स जैसे क्षेत्रों में काम का अनुभव मिलेगा। बड़े व्यवसायों और उद्योगों ने घोषणा की है कि वे सक्षम अग्निवीर को काम पर रखेंगे।
सरकार ने कहा है कि अगर अग्निवीर उद्यमी बनना चाहते हैं तो उन्हें बैंक से लोन देने में प्राथमिकता दी जाएगी। पढ़ना चाहते हैं तो 12वीं के समकक्ष प्रमाणपत्र दिया जाएगा।