इस बार हनुमान जयंती का पर्व 23 अप्रैल, मंगलवार को है। इस दिन हनुमान चालीसा और बजंरग बाण का पाठ विशेष रूप से किया जाता है। ये दोनों अलग-अलग स्तुतियां हैं।
हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए कईं स्त्रोतों और स्तुतियों की रचना की गई है, इनमें हनुमान चालीसा और बजंरग बाण भी शामिल हैं। लेकिन फिर भी इन दोनों में काफी अंतर है।
हनुमान चालीसा और बजंरग बाण दोनों की ही रचना गोस्वामी तुलसीदास ने की है। हनुमान चालीसा में सौम्य शब्दों का उपयोग किया गया है जबकि बजरंग बाण की भाषा काफी कठिन है।
हनुमान चालीसा का पाठ हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इसका पाठ कोई भी व्यक्ति कर सकता है। हनुमान चालीसा का पाठ करने से हर मनोकामना पूरी होती है।
बजरंग बाण का पाठ किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए किया जाता है। इसमें हनुमानजी पर किसी खास काम को पूरा करने के लिए दबाव बनाया जाता है, जो कि अनुचित है।
विद्वानों का मत है कि हनुमान चालीसा का पाठ तो सभी कर सकते हैं लेकन बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसमें हनुमानजी को कई बार श्रीराम की शपथ दी गई है।