इस बार 6-7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। इस दिन कान्हा को 56 भोग भी लगाया जाता है। इस परंपरा के पीछे बहुत ही खास कारण है, जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं…
विद्वानों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का एक आसन कमल भी है। जिस कमल पर भगवान विष्णु बैठते हैं, उसकी पंखुड़ियों की संख्या 56 है। इसीलिए भगवान को 56 भोग लगाए जाते हैं।
धर्म ग्रंथों में प्राणी की 84 लाख योनियां बताई गई हैं, जिसमें से सबसे श्रेष्ठ है मनुष्य योनि। अगर मनुष्य योनि को अलग कर दें तो शेष योनियों की संख्या का योग 56 होता है।
विद्वानों का मत है कि मनुष्य जन्म को छोड़कर शेष जन्मों से मुक्ति पाने के लिए ही 56 भोग का प्रसाद भगवान को लगाते हैं। यह मानकर कि हमने अपने शेष सभी जन्म भगवान को अर्पित कर दिए हैं।