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Roop Chaturdashi 2023: आज है रूप चतुर्दशी, जानें इसकी 5 खास बातें

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इसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं

दीपावली उत्सव के दूसरे दिन रूप चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है, इसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। इस पर्व से जुड़ी मान्यताएं और और भी खास बनाती हैं। जानें इस बार कब है रूप चतुर्दशी…

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इसलिए कहते हैं रूप चतुर्दशी

रूप चतुर्दशी की सुबह अभ्यंग स्नान यानी एक खास तरीके से नहाने की परंपरा है। इस दिन महिलाएं विशेष रूप से संजती-संवरती हैं और रूप निखारती हैं। इसलिए इसे रूप चतुर्दशी कहते हैं।

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क्यों कहते हैं नरक चतुर्दशी?

धार्मिक कथा के अनुसार, द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने इसी तिथि पर नरकासुर नाम के एक दैत्य का वध किया था, इसलिए इस तिथि को नरक चतुर्दशी के रूप में जाना जाने लगा।

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कब है नरक चतुर्दशी? (Roop Chaturdashi 2023 Date)

इस बार नरक चतुर्दशी का पर्व 11 नवंबर, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन प्रीति और आयुष्मान नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। इसे काली चौदस और मासिक शिवरात्रि का व्रत भी मनाया जाएगा।

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यमराज की पूजा क्यों?

रूप चतुर्दशी की शाम को यमराज की पूजा और दीपदान करने का महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से यमराज प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।

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श्रीकृष्ण की पूजा भी

नरक चतुर्दशी पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कर दान करने का भी विशेष महत्व है क्योंकि उन्होंने ही नरकासुर का वध कर लोगों को उसके अत्याचार से मुक्ति दिलाई थी।

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