धर्म ग्रंथों के अनुसार, करवा चौथ व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है। इस बार ये तिथि 1 नंबवर, बुधवार को है। इस दिन कईं शुभ योग भी बन रहे हैं।
महिलाएं करवा चौथ के लिए अलग से स्पेशल थाली तैयार करती हैं। इस थाली में कुछ चीजें आवश्यक रूप से होनी चाहिए, इनके बिना ये थाली अधूरी होती है। जानें इन चीजों के बारे में…
ये मिट्टी का गिलास जैसा दिखाई देता है। इसी में रखे पानी को पीकर महिलाएं अपना व्रत पूर्ण करती हैं। कुछ महिलाएं मिट्टी के स्थान पर धातु से बने करवे का उपयोग भी करती हैं।
भगवान श्रीगणेश और चंद्रमा की पूजा के लिए इसका उपयोग किया जाता है। कुमकुम से श्रीगणेश की प्रतिमा पर तिलक लगाया जाता है, वहीं चंद्रमा को भी कुमकुम चढ़ाया जाता है।
चावल को शुक्र का अन्न कहा जाता है जो वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाता है। भगवान श्रीगणेश और चंद्रमा को चावल चढ़ाने की भी परंपरा इस व्रत में है।
श्रीगणेश और चंद्रमा की आरती के लिए मिट्टी के दो दीपक भी थाली में जरूर होना चाहिए। आरती के बाद एक दीपक श्रीगणेश के सामने ही रख दें और दूसरे दीपक से चंद्रमा की आरती करें।
करवा चौथ पर छलनी से पहले पत्नी को देखते और बाद में अपने पति को। छलनी करवा चौथ की पूजा के लिए सबसे जरूरी चीजों में से एक है। इसे भी अपनी लिस्ट में शामिल करें।
चंद्रमा की पूजा औरआरती करने के बाद उन्हें पानी से अर्घ्य भी दिया जाता है। तभी ये व्रत पूर्ण होता है। इसके लिए पूजा की थाली में पानी से भरा एक लोटा भी जरूर रखें। ये भी जरूरी है।
श्रीगणेश की पूजा में वैसे तो कोई भी मिठाई चढ़ाई जा सकती है, लेकिन गुड़ का भोग इन्हें अतिप्रिय माना गया है। इसलिए पूजा की थाली में थोड़ा गुड़ भी जरूर रखें।