रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त, सोमवार को है। ये हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। इस पर्व से जुड़ी कई खास बातें हैं, जिनके बारे में कम लोगों को पता है। जानें ऐसी ही कुछ खास बातें…
ग्रंथों के अनुसार, देवराज इंद्र ने दैत्यों को युद्ध में हराने के लिए अपनी पत्नी शचि से एक अभिमंत्रित रक्षासूत्र कलाई पर बंधवाया था। यही रक्षासूत्र आज राखी के नाम से जाना जाता है।
जब दैत्यों के राजा बलि भगवान विष्णु को वरदान में मांगकर पाताल लोक ले गए। तब देवी लक्ष्मी ने बलि को रक्षासूत्र बांधकर भाई बनाया और उपहार में विष्णुजी को मांग लिया।
ज्योतिष के अनुसार, एक तिथि के 2 भाग को करण करते हैं। इनकी संख्या 11 है। इनमें से एक है भद्रा। भद्रा का संयोग पूर्णिमा तिथि पर बनता है। इसलिए रक्षाबंधन पर भद्रा जरूर होती है।
पहले के समय में पंडित अपने यजमानों को सावन पूर्णिमा पर रक्षासूत्र बांधते थे, जो अभिमंत्रित होता था। उस रक्षासूत्र के बांधने से कई परेशानियां अपने आप ही दूर हो जाती थी।
रक्षाबंधन पर ब्राह्मण श्रावणी उपाकर्म करते हैं। ये परंपरा हर ब्राह्मण के लिए जरूरी है। इसके अंतर्गत ब्राह्मण पुरानी जनेऊ उतारकर नई जनेऊ पहनते हैं। ये काम नदी किनारे किया जाता है।