आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में मिलने वाले लड्डू प्रसाद को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस लड्डू में जानवरों की चर्बी होने की पुष्टि हुई है।
तिरुपति बालाजी के लड्डू प्रसाद में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल होने की जानकारी के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया है। साधु-संतों ने भी इसे लेकर नाराजगी जताई है।
तिरुपति बालाजी मंदिर में रोज 3 लाख से ज्यादा लड्डू बनते हैं। इसे बनाने में बेसन, शुद्ध घी, शक्कर, सूखे मेवे आदि चीजों का उपयोग होता है। इस लड्डू को जीआई टैग मिला है।
तिरुपति मंदिर में भगवान को 3 तरह के लड्डू का भोग लगता है। पहला है प्रोक्तम लड्डू, इस लड्डू का वजन करीब 40 ग्राम होता है। ये लड्डू भक्तों को मुफ्त दिया जाता है।
दूसरा लड्डू होता है अस्थानम लड्डू, इसे विशेष पर्व-त्योहार के मौके पर बनाया जाता है। यह आकार में थोड़ा बड़ा होता है और इसका वजन लगभग 175 ग्राम, कीमत 50 रूपए होती है।
तिरुपति में मिलने वाला तीसरा लड्डू है- कल्याणोत्सवम लड्डू। जो भक्त अर्जिता सेवा और कल्याणोत्सवम में भाग लेते हैं, ये उन्हें दिया जाता है। इसका वजन 750 ग्राम और कीमत 200 रुपए है।